Sunday, February 6, 2011

जाने जां.....!!!



जानां , आज मुझे उन जंगलो की बहुत याद आई , जहाँ , हम हाथ में हाथ डाल कर घूमे थे.. याद है तुम्हे , हम जब घने जंगलो में घूम रहे थे , तो ड्राईवर ने हमें एक सफ़ेद से पेड़ को दिखाया था और कहा था की वो भुतहा पेड़ है ... आज उस पेड़ की बहुत याद आई और तुम्हारी उस बात की भी की , तुम चाहती हो की मैं तुम्हे जंगली फूल दूं ... देखते है ....कब ये  सपना पूरा होंगा और पक्की बात की इस बार जब भी जंगल  जायेंगे तो मैंने तुम्हे ये गाना सुनाऊंगा .... लेकिन तुम कहीं खो मत जाना .....मैं तुम्हे कभी भी खोना नहीं चाहता हूँ ... बस जब भी खो जायेंगे  , हम दोनों एक साथ इस दुनिया से अलग होकर दुनिया वालो के लिए खो जायेंगे ......मैं अब थक गया हूँ तुम्हारे बिना जानां...मुझे ये सारी दुनिया ही जंगल नज़र आती है ... हाँ , तुम्हारा साया होता है न मेरे साथ ,तुम्हारे संग बिताये हुए यादो के जेवरो के लिए हुए... मेरे साथ ,,हाँ तुम होती हो सनम , हमेशा .....!!!





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