
आभार ऐशो [ फिर आना ]
सुबह का सूरज आज जब मुझे जगाने आया
तो मैंने देखा वो उदास था
मैंने पुछा तो बुझा बुझा सा वो कहने लगा ..
मुझसे मेरी रौशनी छीन ले गयी है ;
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी किरणे
तुम पर नज़र करती थी !!!
रात को चाँद एक उदास बदली में जाकर छुप गया ;
तो मैंने तड़प कर उससे कहा ,
यार तेरी चांदनी तो दे दे मुझे ...
चाँद ने अपने आंसुओ को पोछते हुए कहा
मुझसे मेरी चांदनी छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी चांदनी
तुम पर छिटका करती थी ;
रातरानी के फूल चुपचाप थे
मैंने उनसे कहा ,दोस्तों
मुझे तुम्हारी खुशबू चाहिए ,
उन्होंने सर झुका कर कहा
हमसे हमारी खुशबू छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके हमारी खुशबू
तुम पर बिखरा करती थी ;
घर भर में तुम्हे ढूंढता फिरता हूँ
कही तुम्हारा साया है ,
कही तुम्हारी मुस्कराहट
कहीं तुम्हारी हंसी है
कही तुम्हारी उदासी
तुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
यहाँ अब सिर्फ तुहरी खूबसूरत यादे है
जिनके सहारे मेरी साँसे चल रही है ....
आ जाओ प्रिये
आभार ऐशो प्रिये
आभार ऐशो !!!!!
सुबह का सूरज आज जब मुझे जगाने आया
तो मैंने देखा वो उदास था
मैंने पुछा तो बुझा बुझा सा वो कहने लगा ..
मुझसे मेरी रौशनी छीन ले गयी है ;
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी किरणे
तुम पर नज़र करती थी !!!
रात को चाँद एक उदास बदली में जाकर छुप गया ;
तो मैंने तड़प कर उससे कहा ,
यार तेरी चांदनी तो दे दे मुझे ...
चाँद ने अपने आंसुओ को पोछते हुए कहा
मुझसे मेरी चांदनी छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी चांदनी
तुम पर छिटका करती थी ;
रातरानी के फूल चुपचाप थे
मैंने उनसे कहा ,दोस्तों
मुझे तुम्हारी खुशबू चाहिए ,
उन्होंने सर झुका कर कहा
हमसे हमारी खुशबू छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके हमारी खुशबू
तुम पर बिखरा करती थी ;
घर भर में तुम्हे ढूंढता फिरता हूँ
कही तुम्हारा साया है ,
कही तुम्हारी मुस्कराहट
कहीं तुम्हारी हंसी है
कही तुम्हारी उदासी
तुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
यहाँ अब सिर्फ तुहरी खूबसूरत यादे है
जिनके सहारे मेरी साँसे चल रही है ....
आ जाओ प्रिये
आभार ऐशो प्रिये
आभार ऐशो !!!!!
waah !!
ReplyDeleteकही तुम्हारा साया है ,
ReplyDeleteकही तुम्हारी मुस्कराहट
कहीं तुम्हारी हंसी है
कही तुम्हारी उदासी
तुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
यहाँ अब सिर्फ तुहरी खूबसूरत यादे है
जिनके सहारे मेरी साँसे चल रही है ....
आ जाओ प्रिये
आभार ऐशो प्रिये
आभार ऐशो !!!!!
दिल से निकली गहरे स्नेह को अभिव्यक्त करती, सम्मान करती सुमधुर अपील...............
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
कही तुम्हारी उदासी
ReplyDeleteतुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
बहुत बढिया सतप्थी जी नया ब्लाग शुरु करने पर
शुभकामनाऐं
Bahut Barhia... aapka swagat hai...isi tarah likhte rahiye
ReplyDeletethanx
http://mithilanews.com
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Mithilak Gap...Maithili Me
http://mastgaane.blogspot.com
Manpasand Gaane
http://muskuraahat.blogspot.com
Aapke Bheje Photo
svagat...
ReplyDeleteachchi kavita hai
घर भर में तुम्हे ढूंढता फिरता हूँ
ReplyDeleteकही तुम्हारा साया है ,
कही तुम्हारी मुस्कराहट
कहीं तुम्हारी हंसी है
कही तुम्हारी उदासी
तुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
यहाँ अब सिर्फ तुहरी खूबसूरत यादे है
जिनके सहारे मेरी साँसे चल रही है ....
wowwwwwwwwwwwwwwww
aapka andaz to lagta hai mere alfaz apki kalam s enikale ho jaise..dil tak pahunch jate hai..bahut dard bhara likha hai is bar phir
विजय ने ख्वाबों के दामन से चुरा लिया कुछ खास।
ReplyDeleteहृदय भाव अंकित करने का अच्छा लगा प्रयास।।
सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
कही तुम्हारी उदासी
ReplyDeleteतुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी
Bahut sunder Wirah kee tadap se ot-prot.
चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. आप बहुत अच्छा लिख रहे हैं, और भी अच्छा लिखें, लेखन के द्वारा बहुत कुछ सार्थक करें, मेरी शुभकामनाएं.
ReplyDelete---
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हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]
शब्दों की यह गुथी हुई मधुरता,
ReplyDeleteअतिउत्तम सतपथी जी
DEV
http://devendrakhare.blogspot.com
SUDAR BHAVABHIYVAKTI !
ReplyDeleteSWAGAT HAI !
अरे वाह !!! आप एक और नये ब्लाग के साथ । बहुत ही भावपूर्ण रचना । आभार
ReplyDeleteबहुत बढिया लिखा आपने .. हिन्दी चिट्ठा जगत में इस नए चिट्ठे के साथ आपका स्वागत है .. उम्मीद करती हूं .. आपकी रचनाएं नियमित रूप से पढने को मिलती रहेंगी .. शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteसुबह का सूरज आज जब मुझे जगाने आया
ReplyDeleteतो मैंने देखा वो उदास था
मैंने पुछा तो बुझा बुझा सा वो कहने लगा ..
मुझसे मेरी रौशनी छीन ले गयी है ;
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी किरणे
तुम पर नज़र करती थी !!!
bahut sundar shabd aur bhav
badhai ho
mujhe to bhai dil rakhni bateyn nahi aati. rachna ye aapki achhi to hai par khas nahin
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