Monday, February 20, 2012

क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !


पिछले कई दिनों से एक ही बात दिल में समायी हुई है बस और कुछ सोच में नहीं आता है.
 
वो बसेरा; जिसमे हम अक्सर रुका करते थे और नदी के बीच स्थित वो पत्थर जो हमारे की खिडकी /बरामदे से दिखाई देता था.
 
और वो बहती नदी - जो कभी भी आँखों से ओझल नहीं हुई, चाहे वो दिन हो या रात , चाहे वो सुबह हो या शाम .

क्या जगह थी !!!
क्या जिंदगी थी !!!!
 
क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !

13 comments:

  1. बहुत उम्दा!
    महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  2. विजय जी
    महा शिवरात्रि की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ.
    महाशिवरात्रि के पर्व पर नर्मदा नदी के सभी घाटों पर महादेव शंकर जी की पूजा अर्चना की जाती है.
    जबलपुर स्थित सभी घाटों पर शिव भक्तों की बड़ी भीड़ होती है.
    आपने अशोका दी ग्रेट का जो गीत दिखाया है , वह भी भेडाघाट जबलपुर की संगमरमरी वादियों का ही है
    शायद आपने अनजाने में ही सही माँ नर्मदा के दर्शन कराये हैं और भेडाघाट की भी याद दिलाई है
    आप भी इन्ही दूधिया वादी में दो साल पहले घूम कर आ हुके हो.
    बधाई.
    - विजय तिवारी 'किसलय'

    ReplyDelete
  3. सुन्दर रचना...सुन्दर प्रस्तुति...महाशिवरात्री के पावन पर्व की बधाई!...

    ReplyDelete
  4. प्रिय विजय कुमार जी
    जिंदगी एक रेलवे स्टेशन है
    प्यार एक ट्रेन है , जो आती है और चली जाती है
    पर दोस्ती
    इंक्वायरी काउंटर है जो हमेसा कहती है- नमस्कार . .आईये चले ख्वाबो के दामन में.....!! सुंदर
    धन्यवाद.
    आपका गोपी दत्त आकाश

    ReplyDelete
  5. बिना हुये कुछ होता भी नही है विजय जी …………जब अस्तित्व है तो प्रेम भी है प्रेम है तो विरह भी है विरह है तो अस्तित्व है ।

    ReplyDelete
  6. कभी कभी बीती यादों को ताज़ा करना अच्छा लगता है..बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  7. जबलपुर और नर्मदा नदी..फिर भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियाँ...भला कोई कैसे भूल सकता है...सुन्दर- अति सुन्दर!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. विजय जी की कविता समझ रहा था, जब तक इस पेज पर आया नहीं था.
      गीत सुन्दर है, और ये जानकार और अच्छा लगा कि यह भेडाघाट पर फिल्माया गया था... धन्यवाद समीर जी...

      Delete
  8. बहुत सुन्दर. समीरलाल जी की टिपण्णी से प्रभावित होकर सोच रहा था यह ग्वारी घाट भी हो सकता है, तिलवारा भी.

    ReplyDelete
  9. comment by वाणी गीत

    चश्मे के पार रिश्ते- नाते कुछ और ही होते हैं ...
    संजीदा हकीकत की कहानी !

    ReplyDelete
  10. बहुत अनोखा ब्लॉग है आपका...बड़ा अच्छा लगा यहाँ आकर...गानों का चयन बड़ा मधुर है...| मेरी शुभकामनाएं और इन खूबसूरत अहसास से मन को सकून पहुँचाने के लिए शुक्रिया...|

    ReplyDelete
  11. Bahut sundar blog hai aapka! Anek shubh kamnayen!

    ReplyDelete