जानां , मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ .....
और तुम्हारे संग एक जीवन जीना चाहता हूँ ..
एक अजनबी नींद में
जिए हुए स्वपन से
जब मैं जागना चाहूँ...
तो ; तुम्हारे चेहरे पर सुबह के सूरज की रौशनी
की किरणे चमक रही हो ....
एक जागते हुए ख्वाब में जब उतरना चाहूँ
तो ; तुम्हारे चहरे पर किसी सुन्दर शाम की
लालिमा धमक रही हो ...
सुनो ;
मैं ;तुम्हारे संग एक जीवन जीना चाहता हूँ...
किसी जंगल में अनजानी राहो में भटकते हुए
किसी पुराने मंदिर की सीढियों पर संग संग उतरते हुए
किसी नदी के बहते हुए पानी में पावं डाल कर बाते करते हुए
किसी चाँद से अपनी जानी अनजानी कविता कहते-सुनते हुए
किसी पर्वत के शिखर पर खड़े होकर एक दूजे का नाम लेकर चिल्लाते हुए
किसी अनजान शहर के जाने हुए कमरे में एक दूजे की साँसे गिनते हुए
किसी एक पल में एक दूजे के लिए जीते हुए और मरते हुए
जानां , मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ .....
और तुम्हारे संग एक जीवन जीना चाहता हूँ ..
जानां , मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ .....और तुम्हारे संग एक जीवन जीना चाहता हूँ ..
ReplyDeleteगजब कि पंक्तियाँ हैं ...
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्द रचना, भावमय प्रस्तुति ।
ReplyDeleteजानां , मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ .....
ReplyDeleteऔर तुम्हारे संग एक जीवन जीना चाहता हूँ ..
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति……।
बिलकुल सही अभिव्यक्ति है ।
ReplyDeletehow romantic vijay ji .badhai ho ke jeewan men prem bacha hua hai .
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