Monday, April 2, 2012

मुक्तसर सी बात ये है तू तो है हयात ये ...!!!

आज तुमने मेरे लिए ये गीत गाया था :

" बेवजह हंस पडूँ तेरी याद की सौगात ये ,
तेरी आरजू ,तेरी जुस्तजू हैं तेरे ही ख़यालात ये ,
है मुक्तसर सी बात ये है तू तो है हयात ये "

आज भी अक्सर अकेले में मैं ये गीत सुनता हूँ , बहुत कुछ याद है जानां, बहुत कुछ .. एक ज़िन्दगी जैसे धुंध में लिपटी हुई हो ........

आह , अब सिर्फ यादे ही रह गयी है .......जानां !


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