तेरे जाने का समय ....
जब तेरे जाने का समय आता है ,
तो जाने कैसा लगता है
जैसे मैं धीमे धीमे मर रहा हूं !!!
तो जाने कैसा लगता है
जैसे मैं धीमे धीमे मर रहा हूं !!!
एक पल ;
तू रुक तो जरा !!!
मैं एक गहरी साँस ले लूँ ......
तेरी साँसों को ,तेरी आँखों को,
तेरी जुल्फों को , तेरी खुशबु को,
तेरे हाथों को , तेरे एहसास को भर लूँ ...
हाँ , अब तुम जा सकती हो.....
हाँ , अब मैं मर सकता हूँ......
जब तेरे जाने का समय आता है ,
ReplyDeleteतो जाने कैसा लगता है
जैसे मैं धीमे धीमे मर रहा हूं !!!
एक पल ;तू रुक तो जरा !!!
judaai ka pal kuchh aesa hi hota kuchh isi tarah ki ek meri rachana hai mauka mila to likhungi .
laazwaab hai
बड़े तसल्ली के साथ मरने वाले आदमी हैं आप तो !
ReplyDeleteउसे भी रोक कर रखे हैं।
..
टहरिए होश में आ लूँ तो चले जाइएगा।
हाय !
maun dukh...
ReplyDeleteक्या बात है जी...अरे जाने ही न दीजियेगा उसे.
ReplyDeleteबहुत खूब रंग है इस हिज्र के लम्हे का.
ख़ूबसूरत ख्याल....ज़िन्दगी अधूरी लगे जिसके बिना..
ReplyDelete.जीने की तमन्ना बाकी न हो...भावपूर्ण रचना
kya baat kahi hai ...daad hazir hai
ReplyDeletewaqt do gujre mushkil
ReplyDeleteek tere aane se pahle
ek tere jaane ke baad
magar shayad ek waqt ye bhi hota hai
jab bichhadne ka samay aata hai to premi na jane kitni maut mara karte hain..........is kshan ko aapne bahut hi gahri bhavnaon ke sath bandha hai.