Tuesday, January 25, 2011

मैं जहाँ भी रहूँ , तुम मेरे साथ होती हो जानां ...


जानां , कोई ऐसा पल नहीं है , जब तुम याद नहीं आती हो . रातो को उठकर बैठ जाता हूँ, तुम्हे ढूंढता हूँ, दिन में पागलो की तरह तुमसे बाते करता हूँ , ज़िन्दगी वही रुकी हुई है , जहाँ तुमने मुझे छोड़ा था .. तन्हाईयाँ ने साँसों में तेरे नाम के सिवा कुछ नहीं रखा है .तुम्हारी तस्वीरे देखता हूँ, उनसे बाते करता हूँ , तुम्हरी चिट्टियाँ  पढता हूँ  और जार जार रोता हूँ. मैं जहाँ  भी रहूँ , तुम मेरे साथ होती  हो जानां ...



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