Friday, January 14, 2011

पल पल दिल के पास तुम रहती हो ..

जानां , सुबह से शाम और दिन से रात हो जाती है ... समय रुक नहीं पाता है. बस रुके हुए है तो वो लम्हे ,जो हमने साथ बिताये हुए है  . कोई ऐसा पल नहीं है ,जो होश में हो और तुम उसमे न हो .. दिन हो या रात का कोई पहर , जब भी जाग उठता हूँ.. सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ .. तुम कैसी होंगी .क्या कर रही होंगी , क्या मुझे याद कर रही होंगी ... क्या तुम्हे वो पल याद नहीं आते है , जो हमने साथ गुजारे है ... जानां , तुम्हारे संग मिलन को जाना , तुम्हारे संग विरह को भी जान रहा हूँ .. ये कैसी बर्फ की तपिश है , जो मुझे हर वक़्त जला कर राख किये जा रही है .. जानां मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ.

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