Sunday, January 2, 2011

एक खुली खिड़की...............!!!



मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ गिरती हुई बर्फ देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ ढलती हुई साँझ देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली हुई खिड़की से तुम्हारे साथ उगता हुआ चाँद देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ जिंदगी को गुजरते हुए देखना चाहती हूँ




1 comment:

  1. बहुत सुन्दर गाना लगाया है……………सिर्फ़ यही कहूँगी

    हज़ारो ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले
    अब नही सुलगते वो अरमाँ जो मेरा दम निकले

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